ऋषिकेश,रविवार 14 अप्रैल।देवभूमि उत्तराखंड में पाँचवे धाम के नाम से विख्यात श्री सेम नागराज की आरती और स्त्रोत्र का विमोचन त्रिवेणी घाट ऋषिकेश में शांतिपूर्ण वातावरण में साधु संतों एवं शिक्षाविदों सहित प्रकृति और संस्कृति के चिंतको द्वारा संयुक्त रूप से किया गया।श्री सेम नागराज की आरती और स्त्रोत्र की अनुपन रचना ग्रीन मॉडल स्कूल के संस्थापक प्रख्यात आध्यात्मिक चिन्तक डॉ वीरेन्द्र रावत द्वारा की गई है।कार्यक्रम का उद्घाटन श्री कृष्णायन देशी गौ रक्षाशाला के संस्थापक महा मण्डलेश्वर स्वामी ईश्वर दास महाराज एवं ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य ब्रह्मलीन स्वामी माधवाश्रम जी के शिष्य केशव स्वरूप ब्रह्मचारी एवं डॉ वीरेन्द्र रावत एवं श्री सेम नागराज रावल डॉ नरेंद्र सेमवाल ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया। इस अवसर पर हजारों हजार निराश्रित गौमाता सहित गौवंश का संरक्षण करने वाली श्री कृष्णायन देशी गौ रक्षाशाला के संस्थापक महा मण्डलेश्वर स्वामी ईश्वर दास जी ने कहा कि श्री सेमनागराज कृष्ण जी का अवतार हैं और कलियुग में कृष्णभक्ति का सरल उपाय है कि गायों की सेवा की जाए।उन्होंने कहा कि गौसेवा ही गोपाल सेवा है।ब्रह्मचारी केशव स्वरूप महाराज ने कहा कि पूरे विश्व में एक मात्र उत्तराखंड को ही देवभूमि कहा गया है।यहाँ संस्कृति और प्रकृति के संरक्षण को युवाओं को जागृत करना होगा।यह कार्य केवल देवभूमि की मातृ शक्ति ही कर सकती हैं।
सेमनागराज उपासक डॉ वीरेन्द्र रावत ने बताया कि सेम मुखेम टिहरी गढ़वाल स्थित श्री सेमनागराज भगवान का मन्दिर श्री कृष्ण जी के अवतार की भूमि है।श्री सेमनागराज के रावल डॉ नरेंद्र सेमवाल कहा कि श्री नागराज मधुर छन्द स्त्रोत्र और आरती के विमोचन से उत्तराखंड की धरती पर आध्यात्मिक जागृति की दिशा में एक और सार्थक प्रयास की पहल हुई है।यह संस्कृति के संरक्षण में मददगार साबित होगी।
अनुशासित एवं सिमित संख्या के साथ आयोजित हुए इस कार्यक्रम में प्रबुद्ध वर्ग एवं सामाजिक कार्यकर्ताओ सहित दूरदराज से आये सामाजिक चिन्तक उपस्थित रहे।कार्यक्रम के संयोजक एवं शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के प्रान्त पर्यावरण प्रमुख पर्यावरण विद विनोद जुगलान आवाहन पर आये हुए अतिथियों ने समस्त उपस्थिति को मजबूत लोकतंत्र के लिए स्थाई सरकार चुनने के लिए मतदान में शतप्रतिशत सहभागिता एवं निर्भीकता के साथ मतदान करने की शपथ दिलाई।इस अवसर पर जिला निर्वाचन अधिकारी के प्रतिनिधि के रूप में जिला गंगा सुरक्षा समिति के जिला परियोजना अधिकारी रविकान्त पाण्डेय,पूर्व एडीओ पंचायत श्रीओम शर्मा,धीरेंद्र रांगड़, टीएचडीसी के वरिष्ठ प्रबन्धक अनूप ध्यानी,धीरेंद्र सेमवाल,श्री सेमनागराज उपासक एवं जिला गंगासुरक्षा समिति के सदस्य डॉ राजे नेगी, नामित सदस्य डॉ दीपक तायल,अनिल चंदोला,आचार्य सौरभ सेमवाल,आचार्य नीतीश खण्डूरी, कैलाश सिलस्वाल,यशपाल असवाल,विजय जुगलान,विशाल खैरवाल,डॉ हिमाली रावत,नीलम बिजल्वाण,रेखा सजवाण,सविता काला, शशि राणा,ममता रमोला,आशा जोशी,आरती अमोली,लक्ष्मी गुसाईं प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।कार्यक्रम का संचालन डॉ सुनील थपलियाल,विनोद जुगलान ने संयुक्त रूप से किया।