अलमोड़ा।
सोमवार तड़के अलमोड़ा के मरचूला में हुए दर्दनाक हादसे ने पूरे राज्य को हिलाकर रख दिया है। जानना यह है कि ऐसी दुर्घटनाए हमारे राज्य की परिवहन व्यवस्था पर कितने सवाल उठाती है। चंद पैसो के लिए जरूरत से ज्यादा यात्रियों से वाहनों को ओवरलोड करना उत्तराखंड में काफी आम हो गया है। आरटीओ दुपहिया वाहन सवारों को हैलमेट आदि के संबंध में सख्ती बरतता है किंतु कभी भी बड़ी बसे या मैक्स जैसे आठ सीटर गाडियों के अंदर ठूसे हुए सवारियों पर सवाल नहीं उठाते। ग्रामीण पहाड़ी क्षेत्रों में ये समस्याएं घातक होने में देर नहीं लगती।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश के बाद सचिव परिवहन ने दो एआरटीओ को निलंबित कर दिया है। वहीं, परिवहन आयुक्त ने घटना की जांच के लिए उप परिवहन आयुक्त की अगुवाई में जांच दल घटनास्थल के लिए रवाना कर दिया है।
यह दल अपनी प्राथमिक रिपोर्ट मुख्यालय को उपलब्ध कराएगा। मारचूला बस हादसे के मामले में परिवहन सचिव बृजेश संत ने प्रभारी संभागीय परिवहन अधिकारी (एआरटीओ) (प्रवर्तन) पौड़ी कुलवंत सिंह और परिवहन कर अधिकारी एवं प्रभारी एआरटीओ रामनगर नेहा झा को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।
दोनों अफसरों को अपनी जिम्मेदारी का सही तरीके से निर्वहन न करने का गंभीर कृत्य मानते हुए निलंबित किया गया है। दोनों अफसरों को परिवहन आयुक्त कार्यालय देहरादून में संबद्ध कर दिया गया है।
अलमोड़ा के मरचूला में हुए हादसे में 36 लोग अपनी जान गवां चुके है। अन्य को गंभीर चोटें आई है। एक 42 सीटर बस में 63 यात्री भरे हुए थे। बस पौड़ी जिले के गौलीखाल से रामनगर जा रही थी। घायलों में से तीन को ऋषिकेश एम्स भेजा गया । एक का एसटीएच हल्द्वानी, 15 का रामनगर सब जिला अस्पताल और पांच को देवालय अस्पताल सल्ट में भेज दिया गया था।जानकारी के मुताबिक सोमवार सुबह गौलीखाल से रामनगर के लिए यूके 12 पीए 0061 बस निकली थी। कूपी पहुंचने तक बस में 60 यात्री सवार थे। सुबह करीब 7:40 बजे सल्ट के कूपी पहुंचते ही चालक ने बस से नियंत्रण खो दिया। देखते ही देखते बस खाई में गिर गई। हादसे की सूचना मिलते ही स्थानीय लोग और पुलिस टीमें मौके पर पहुंच गईं। स्थानीय लोगों और पुलिस व एसडीआरएफ की मदद से रेस्क्यू शुरू किया गया। हादसे में 28 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि आठ ने रामनगर में उपचार के दौरान दम तोड़ा। घटना में घायल पांच लोगों को सल्ट के देवालय अस्पताल में भर्ती कराया गया। इसके अलावा 15 को रामनगर तो एक को एसटीएच हल्द्वानी भेजा। तीन गंभीर लोगों को ऋषिकेश एम्स रेफर किया गया है।