रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा था कि यदि यूक्रेन को रूस के अंदरुनी इलाक़ों में हमला करने की अनुमति दी जाती है, तो वह इसको रूस-यूक्रेन युद्ध में नैटो देशों के ‘सीधे दखल’ के तौर पर देखेगा| अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने यूक्रेन को युद्ध में लंबी दूरी की मिसाइलों का इस्तेमाल करने की अनुमति दे दी| ये मिसाइलें अमेरिका ही यूक्रेन को भेजता रहा है| इस कदम के बाद से रूस में आक्रोश है| रूस ने इस मामले पर तीखी प्रतिक्रिया दी है| रूस के सरकारी अख़बार रोज़ियस्काया गेज़ेटा की वेबसाइट पर सोमवार सुबह इस मामले को लेकर एक टिप्पणी भी की गई| इसमें लिखा गया, “जाते-जाते अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने एक ऐसा निर्णय ले लिया है, जो उनके शासनकाल में लिए गए निर्णयों में न सिर्फ़ सबसे ज़्यादा उकसाने वाला है, बल्कि बिना किसी विचार-विमर्श के लिया गया है, जिसके परिणाम बहुत ज़्यादा ख़तरनाक हो सकते हैं|” रूसी सांसद लियोनिड स्लट्स्की प्रो-क्रेमलिन लिबरल-डेमोक्रेटिक पार्टी के प्रमुख हैं|
उन्हें लगता है, “निश्चित तौर पर तनाव को बढ़ाएगा, जिसके परिणाम भुगतने की धमकी भी दी जाएगी|” रूसी सीनेटर व्लादिमीर दज़बारोव ने इसे ‘तीसरे विश्व युद्ध की ओर बढ़ाया गया कदम बताया|’ अमेरिकी के इस निर्णय के बारे में रूस में गुस्सा तो है लेकिन वास्तव में कोई हैरानी नहीं है| क्या होगा रूस का अगला क़दम प्रवक्ता दिमीत्रि पेस्कोवइमेज स्रोत, इमेज कैप्शन,राष्ट्रपति पुतिन के प्रवक्ता दिमीत्रि पेस्कोव ने कहा है कि इस तरह के निर्णय से तनाव पैदा होगा| सबसे ज़्यादा मायने यह रखता है कि अब राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन इसे लेकर क्या कहते हैं. वो क्या सोचते हैं| अब तक वे इस मामले पर ख़ामोश है|
सोमवार को राष्ट्रपति पुतिन के प्रवक्ता दिमीत्रि पेस्कोव ने पत्रकारों से कहा, “अगर इस तरह का निर्णय लिया गया है तो मतलब तनाव का नया चक्र शुरू होगा और अमेरिका के इस विवाद में उतरने से नई स्थिति पैदा हो जाएगी|” पेस्कोव ने बाइडन प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा, “वो आग में घी डालने का काम कर रहे हैं और इस विवाद में लगातार तनाव को बढ़ा रहे हैं|” पश्चिमी नेता यह तर्क दे सकते हैं कि रूस ‘आग में घी डालने’ का काम कर रहा है| क्योंकि हाल ही में रूस ने उत्तर कोरिया के सैनिकों को युद्ध क्षेत्र में तैनात किया है, ताकि वो रूसी सैनिकों के साथ मिलकर यूक्रेन पर हमला कर सकें| राष्ट्रपति पुतिन ने अब तक इस मामले पर टिप्पणी नहीं की है, मगर रूसी राष्ट्रपति पहले इस बारे में बयान दे चुके हैं|
रूस ने पहले क्या कहा था?
में राष्ट्रपति पुतिन ने यह चेतावनी दी थी कि यदि लंबी दूरी की मिसाइलों का इस्तेमाल करने की अनुमति दी जाती है तो मास्को इसे यूक्रेन-रूस जंग में नेटो देशों के ‘सीधे दखल’ के तौर पर देखेगा| हाल ही के महीनों में, क्रेमलिन ने अपना संदेश पश्चिमी देशों को स्पष्ट तरीके से दिया है| क्रेमलिन ने दोहराया है, ”ऐसा मत कीजिए| लंबी दूरी वाले हथियारों के इस्तेमाल पर लगाए गए प्रतिबंधों को मत हटाइए. यूक्रेन को यह अनुमति मत दीजिए कि वो रूस के अंदरूनी इलाक़ों में मिसाइलों से हमला कर सके|” सितंबर में राष्ट्रपति पुतिन ने यह चेतावनी दी थी कि अगर ऐसा करने की अनुमति दी जाती है, तो मास्को इस पूरे घटनाक्रम को नेटो देशों के यूक्रेन के साथ जारी रूस की जंग में ‘सीधी भागीदारी’ के तौर पर देखेगा| उन्होंने कहा था, “इसका मतलब यह होगा कि नेटो देश रूस के साथ लड़ रहे हैं|” इसी महीने में रूस ने देश के परमाणु सिद्धांतों में संशोधन की घोषणा की थी| यह दस्तावेज़ उन सिद्धांतों के बारे में है, जिसके तहत मास्को परमाणु हमले को लेकर निर्णय ले सकता है| इस बयान को भी उसी चेतावनी के संदर्भ में देखा गया था जिसमें पुतिन ने अमेरिका और यूरोप को संकेत दिया था कि यूक्रेन को रूस के अंदरूनी इलाक़ों में लंबी दूरी वाली मिसाइलों से हमला करने की अनुमति न दे|