सोशल मीडिया की दिग्गज कंपनी मेटा पर भारत में 213.14 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है। यह जुर्माना भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने मेटा के खिलाफ व्हाट्सऐप की प्राइवेसी पॉलिसी में किए गए बदलाव को लेकर लगाया है। यह पूरा विवाद 2021 में मेटा की ओर से वट्सऐप के लिए लागू की गई अपडेटेड प्राइवेसी पॉलिसी को लेकर है।
- भारत के प्रतिस्पर्धा आयोग ने मेटा पर 213.14 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया
- मेटा ने वाट्सऐप की प्राइवेसी पॉलिसी अपडेट करके अनुचित प्रफेशनल तरीके अपनाए
- मेटा ने 2021 में वट्सऐप की नई प्राइवेसी पॉलिसी को लागू किया
नई दिल्ली: वाट्सऐप, फेसबुक और इंस्टाग्राम जैसे प्लेटफॉर्म्स की पेरेंट कंपनी ‘मेटा’ पर सोमवार को 213.14 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है। यह जुर्माना भारत के कॉम्पिटीशन कमिशन ऑफ इंडिया (CCI) ने लगाया है। मेटा पर आरोप है कि उसने 2021 में वट्सऐप की प्राइवेसी पॉलिसी अपडेट के जरिए अनुचित प्रफेशनल तरीकों को अपनाया। हालांकि, मेटा ने इस फैसले से असहमत होते हुए कहा है कि वह इस कदम के खिलाफ अपील करने की योजना बना रही है। आइए, समझते हैं पूरा मामला।
क्यों लगाया गया मेटा पर जुर्माना?
यह पूरा विवाद 2021 में मेटा की ओर से वट्सऐप के लिए लागू की गई अपडेटेड प्राइवेसी पॉलिसी को लेकर है। दरअसल, जनवरी 2021 में वाट्सऐप ने अपनी नई प्राइवेसी पॉलिसी के बारे में यूजर्स को सूचित किया था और उन्हें बताया कि ऐप्लिकेशन का इस्तेमाल जारी रखने के लिए इन नई शर्तों को मानना जरूरी है। इन शर्तों में मेटा की अन्य कंपनियों के साथ डेटा शेयर करना भी शामिल था। दूसरा कोई विकल्प नहीं था, इसलिए यूजर्स को इस अपडेट को स्वीकार करना पड़ा। CCI का कहना है कि इस कदम के कारण मेटा को दूसरों के मुकाबले गैरजरूरी रूप से एक डॉमिनेंट पोजीशन हासिल हुई।
अपडेट को लेकर मेटा ने क्या कहा?
मेटा ने अपनी सफाई में कहा कि 2021 के अपडेट ने यूजर्स के मैसेज की प्राइवेसी में कोई बदलाव नहीं किया है और उस समय यूजर्स को एक विकल्प दिया गया था। कंपनी ने यह भी बताया कि इस अपडेट के कारण किसी का अकाउंट बंद नहीं हुआ और न ही वट्सऐप सेवाओं में कोई समस्या आई। मेटा के अनुसार, इस अपडेट के जरिए एक नया बिजनेस फीचर जोड़ा गया था, जिससे डेटा स्टोर करने और उसका उपयोग करने में ज्यादा ट्रांसपेरेंसी आ सके। इस अपडेट के बाद वाट्सऐप, यूजर्स और बिजनेस के लिए और भी फायदेमंद हो गया, जिससे भारत में छोटे उद्योगों को भी मदद मिली है।
जुर्माने के अलावा क्या निर्देश मिले?
रेगुलेटर ने वट्सऐप से कहा है कि उसके प्लैटफॉर्म पर इकट्ठा किए गए डेटा को वो दूसरी मेटा कंपनियों या मेटा प्रोडक्ट के साथ शेयर ना करे। इस कदम के बाद अगले 5 सालों तक वट्सऐप विज्ञापन के मकसद के लिए यूजर डेटा को किसी के साथ साझा करने की स्थिति में नहीं है। जहां तक बात विज्ञापन के अलावा डेटा शेयरिंग की है, तो इसे लेकर वट्सऐप को अपनी पॉलिसी में डिटेल्ड स्पष्टीकरण देना होगा। इसमें ये साफ होना चाहिए कि डेटा शेयरिंग का मकसद क्या है। इसके अलावा अपडेट के बाद जो हुआ है, इसे लेकर जरूरी कदम उठाने चाहिए। रेगुलेटर ने ये भी कहा है कि भारत में सभी यूजर्स को ऑप्ट आउट के जरिए डेटा शेयरिंग को बैन करने से जुड़ा ऑप्शन मिलेगा। इसमें वो यूजर्स भी शामिल हैं, जिन्होंने 2021 के अपडेट को मंजूर किया था।
भारत में कैसे बढ़ा ये पूरा मामला?
जनवरी 2021 में वट्सऐप ने अपनी प्राइवेसी पॉलिसी में बदलाव का ऐलान किया। इसमें यूजर्स से डेटा साझा करने की शर्तें स्वीकार करने के लिए कहा गया, ताकि उनका डेटा फेसबुक और अन्य कंपनियों के साथ शेयर किया जा सके। मार्च 2021 में भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने मामले में संज्ञान लिया और जांच शुरू की। इसके बाद मेटा (पूर्व में फेसबुक) ने अप्रैल 2021 में इस मामले को दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी, लेकिन अदालत ने मेटा की याचिका खारिज कर दी। अक्टूबर 2022 में, सुप्रीम कोर्ट ने भी जांच को रोकने से इनकार कर दिया। अब नियामक ने मेटा के खिलाफ कार्रवाई की है।