भारत के गुकेश दोम्माराजू शतरंज की वर्ल्ड चैंपियनशिप जीतने वाले सबसे कम उम्र के खिलाड़ी बन गए हैं.
भारत के डी गुकेश ने शतरंज की दुनिया में कमाल कर दिखाया है और अपने नाम का कीर्तिमान स्थापित कर दिया है। 18 साल के डी गुकेश शतरंज के नए वर्ल्ड चैम्पियन बन गए हैं। डी गुकेश ने चीन के डिंग लिरेन को 14वीं बाजी में मात देकर, विश्व शतरंज चैम्पियन का खिताब अपने नाम कर लिया है। गुकेश की एक आदत है। किसी भी मैच में अपनी पहली चाल चलने से पहले वो आंखें बंद कर ध्यान केंद्रित करते हैं और फिर खेल आगे बढ़ाते हैं। लगता है इस बार अपनी आंखें बंद करते हुए उन्होंने खुद को वर्ल्ड चैंपियन के तौर पर देख लिया होगा।
चेन्नई के रहने वाले 18 साल के गुकेश ने सिंगापुर में खेले गए मैच में चीन के ग्रैंड मास्टर डिंग लिझेन को हरा कर वर्ल्ड चैंपियनशिप जीती है। डी गुकेश का जन्म 29 मई 2006 को तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में हुआ था। डी गुकेश का पूरा नाम डोमराज गुकेश है। वे चेन्नई के रहने वाले हैं। उनके पिता डॉ। रजनीकांत डॉक्टर हैं और उनकी मां डॉ. पद्मा माइक्रोबायोलॉजिस्ट हैं। गुकेश ने सात वर्ष की आयु से शतरंज सीखना शुरू किया था। गुकेश को शतरंज की शुरुआती कोचिंग भास्कर ने दी थी और फिर इसके बाद उन्हें विश्वनाथन आनंद ने ट्रेनिंग पाने का अवसर मिला।
विश्वनाथ आनंद के बाद विश्व शतरंज चैम्पियन बनने वाले डी गुकेश दूसरे भारतीय हैं और इसके अलावा वे दुनिया के सबसे कम उम्र के विश्व शतरंज विजेता हैं। डी गुकेश से पहले रूस के दिग्गज शतरंज खिलाड़ी गैरी कास्पारोव सबसे कम उम्र के वर्ल्ड चेस चैम्पियन थे, जिन्होंने 1985 में अनातोली कार्पोव को हराकर 22 साल की उम्र में यह कमाल किया था।