डाबर की तरफ से एडवोकेट अखिल सिब्बल ने यह तर्क भी दिया कि पतंजलि का विज्ञापन न केवल उपभोक्ताओं को गुमराह कर रहा है, बल्कि अन्य ब्रांडों को बदनाम भी कर रहा है क्योंकि वह यही संदेश दे रहे हैं। कहा ’आदतन अपराधी है बाबा रामदेव की पतंजलिए विज्ञापन पर रोक लगाइए मीलॉर्ड!’
अपने कई उत्पादों के लिए मशहूर कंपनी डाबर ने बाबा रामदेव की पतंजलि के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है और उसके उस विज्ञापन पर रोक लगाने की मांग की है, जिसमें कथित तौर पर उसके च्यवनप्राश उत्पादों के खिलाफ पतंजलि आयुर्वेद द्वारा अपमानजनक विज्ञापन चलाने के आरोप हैं। मंगलवार को दायर अपनी याचिका में डाबर ने आरोप लगाया है कि पतंजलि आयुर्वेद उसके च्यवनप्राश उत्पादों के खिलाफ अपमानजनक विज्ञापन चला रही है। याचिका में डाबर ने पतंजलि को तुरंत अपमानजनक विज्ञापन चलाने से रोकने के लिए आदेश देने की मांग की है।
डाबर ने अपनी अर्जी में कहा कि वह पतंजलि आयुर्वेद के संस्थापक स्वामी रामदेव के एक विज्ञापन से व्यथित है, जिसमें वह कहते हैं, “जिनको आयुर्वेद और वेदों का ज्ञान नहीं, चरक, सुश्रुत, धन्वंतरि और च्यवनऋषि की परंपरा में ‘असली’ च्यवनप्राश कैसे बना पाएंगे?” (यह बताते हुए कि केवल पतंजलि स्पेशल च्यवनप्राश ही ‘असली’/प्रामाणिक है; और बाजार में अन्य च्यवनप्राश के निर्माताओं को इस परंपरा के बारे में कोई जानकारी नहीं है, और परिणामस्वरूप, वे सभी नकली/’साधारण’ हैं)।
सिब्बल ने यह तर्क भी दिया कि पतंजलि का विज्ञापन न केवल उपभोक्ताओं को गुमराह कर रहा है, बल्कि अन्य ब्रांडों को बदनाम भी कर रहा है, क्योंकि उनके विज्ञापन से यही संदेश जा रहा है कि सिर्फ उन्हीं के पास च्यवनप्राश बनाने की सही ज्ञान और आवश्यक तरीका है बाकी सभी इस मामले में अनाड़ी और दोयम दर्जे के उत्पादक हैं।