छत्तीसगढ़ के माओवाद प्रभावित बीजापुर के टीवी पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या मामले में विशेष जांच दल (एसआईटी) ने मुख्य अभियुक्त सुरेश चंद्राकर को हैदराबाद से गिरफ़्तार कर लिया है.
33 वर्षीय मुकेश चंद्राकर एक जनवरी की रात से ही अपने घर से लापता हो गए थे. बाद में उनका शव ठेकेदार सुरेश चंद्राकर की ओर से अपने मज़दूरों के लिए बनाए गए एक आवासीय परिसर के सेप्टिक टैंक से बरामद किया गया था.
इस मामले में पुलिस ने तीन जनवरी को सुरेश चंद्राकर के दो भाई रितेश चंद्राकर और दिनेश चंद्राकर समेत एक सुपरवाइज़र महेंद्र रामटेके को हिरासत में लिया था और उनसे पूछताछ कर रही थी. वहीं मुख्य अभियुक्त सुरेश चंद्राकर फ़रार थे.
पुलिस ने बीते शनिवार को हत्या मामले में अभियुक्त ठेकेदार का खाता सीज़ किया था. वहीं गोदाम और मज़दूरों के रहने के लिये बनाए गए अवैध निर्माण को भी ढहा दिया गया था.
कौन थे मुकेश चंद्राकर
मुकेश चंद्राकर स्वतंत्र पत्रकार के तौर पर ‘एनडीटीवी’ के लिए काम करते थे. इसके अलावा वो यूट्यूब पर एक लोकप्रिय चैनल ‘बस्तर जंक्शन’ का भी संचालन करते थे, जिसमें वे बस्तर की अंदरूनी ख़बरें प्रसारित करते थे. बस्तर में माओवादियों की ओर से अपह्रत पुलिसकर्मियों या ग्रामीणों की रिहाई में मुकेश चंद्राकर ने कई बार महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. मुकेश चंद्राकर के बड़े भाई और टीवी पत्रकार यूकेश चंद्राकर ने बीबीसी के सहयोगी पत्रकार आलोक प्रकाश पुतुल को बताया कि मुकेश बुधवार (1 जनवरी 2025) की शाम को घर से लापता हुए थे. लेकिन घर वालों को अगली सुबह इसका पता चला. शुरू में तो यूकेश ने सोचा कि उनके भाई किसी ख़बर के लिए आसपास के किसी इलाके में चले गए होंगे. लेकिन जब उनका फोन भी बंद मिला तो परिजनों को चिंता हुई. यूकेश का दावा है कि एक ठेकेदार, सुरेश चंद्राकर 1 जनवरी की शाम भाई से मिलने वाले थे. सुरेश चंद्राकर इनके क़रीबी रिश्तेदार भी हैं.
सड़क निर्माण में कथित भ्रष्टाचार की चलाई थी ख़बर
दिसंबर में पत्रकार मुकेश चंद्राकर ने माओवाद प्रभावित इलाकों में सड़क निर्माण में हो रहे कथित भ्रष्टाचार पर एक ख़बर चलाई थी. इस ख़बर के बाद राज्य सरकार ने सड़क निर्माण के उस ठेके पर जांच बैठाई थी. यूकेश ने बीबीसी से कहा, “ठेकेदार सुरेश चंद्राकर की ओर से बनवाई गई सड़क के निर्माण में भ्रष्टाचार की एक ख़बर एनडीटीवी पर प्रसारित हुई थी. जिसके बाद राज्य सरकार ने इस मामले की जांच की घोषणा की थी. भाई के लापता होने के बाद हमने उनके लैपटॉप पर मोबाइल का अंतिम लोकेशन देखा तो वह ठेकेदार दिनेश चंद्राकर, सुरेश चंद्राकर और रितेश चंद्राकर के मज़दूरों के लिए बनाए गए कैंपस में नज़र आ रहा था. इसलिए मैं आशंकित हुआ.” यूकेश ने पुलिस में दर्ज रिपोर्ट में ठेकेदार दिनेश चंद्राकर, सुरेश चंद्राकर और रितेश चंद्राकर की ओर से मुकेश को नुक़सान पहुंचाने की आशंका भी जताई थी. इस घटना के बाद कांग्रेस और बीजेपी ने एक-दूसरे पर निशाना साधा था. सुरेश चंद्राकर के कांग्रेस से जुड़े होने की वजह से बीजेपी ने पार्टी पर निशाना साधा है. वहीं कांग्रेस क़ानून व्यवस्था के हवाले से बीजेपी की निंदा कर रही है.
कौन हैं ठेकेदार सुरेश चंद्राकर
पुलिस ने जिस ठेकेदार सुरेश चंद्राकर को गिरफ़्तार किया है वो बस्तर में सरकारी निर्माण कार्यों और माइनिंग से जुड़े बड़े ठेकेदारों में शुमार हैं. वो छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस के अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ के राज्य उपाध्यक्ष भी हैं. उन्हें कुछ महीने पहले हुए महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव में पार्टी ने नवापुर विधानसभा का आब्ज़र्वर भी बनाया था. माओवादियों के ख़िलाफ़ पुलिस संरक्षण में शुरू किए गए ‘सलवा जुड़ूम’ अभियान में शामिल रहे सुरेश चंद्राकर बेहद ग़रीब परिवार में पैदा हुए लेकिन पिछले कुछ सालों में ही माओवाद प्रभावित इलाकों में सरकारी निर्माण कार्यों का ठेका लेकर वे बस्तर के शीर्ष ठेकेदरों में शुमार होने लगे. 40 साल के सुरेश चंद्राकर पहली बार 23 दिसंबर 2021 को तब चर्चा में आए, जब 73 प्रतिशत आदिवासी आबादी वाले बीजापुर में उन्होंने शाही अंदाज़ में अपनी शादी की. उन्होंने होने वाली पत्नी के लिए ससुराल तक आने के लिए निजी हेलीकॉप्टर का इंतज़ाम किया था. इसके अलावा बीजापुर जैसी जगह में उन्होंने अपने विवाह समारोह में नाच-गाने के लिए रूसी डांसर्स के दल को बुलाया था. विवाह के अगले दिन उन्होंने बीजापुर के स्टेडियम में दावत दी थी. कहा जाता है कि बस्तर में इससे पहले कभी ऐसी शाही अंदाज़ वाली शादी नहीं हुई थी. इस विवाह समारोह की तस्वीरें और वीडियो क्लिप सोशल मीडिया में ख़ूब वायरल हुए थे.