अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से लगाए गए जवाबी टैरिफ के बाद दुनिया भर के बाजार डर और आशंकाओं के साए में कारोबार कर रहे हैं। व्यापार जंग की आहट के बीच अमेरिकी बाजार भी लड़खड़ा रहा है। वॉल स्ट्रीट में शुक्रवार को भारी गिरावट देखी गई थी। इसके बाद सोमवार को एशियाई शेयर बाजार भी चरमरा गया।
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डोनाल्ड ट्रंप के जवाबी टैरिफ से उपजी आशंकाओं और अमेरिकी बाजार की रिकॉर्ड गिरावट के बाद घरेलू शेयर बाजार में सोमवार को लाल निशान पर खुला। खुलते ही सेंसेक्स और निफ्टी धड़ाम हो गए। आज की सुबह निवेशकों के लिए बुरी खबर लेकर आई। इस दौरान निवेशकों को 20.16 लाख करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा। फिलहाल सेंसेक्स करीब 3023.51 अंक यानी 4.01 फीसदी टूटकर 72,341.18 और निफ्टी 983.95 अंक यानी 4.30 फीसदी लुढ़ककर 21,920.50 अंक पर कारोबार कर रहा है।
सेंसेक्स के सभी 30 शेयर लाल निशान पर कारोबार कर रहे हैं। टाटा स्टील, टाटा मोटर्स और इंफोसिस के शेयरों में भारी गिरावट देखी जा रही है। टेक महिंद्रा, एचसीएल टेक और एलएंडटी में भी गिरावट दर्ज की जा रही है। ऐसे ही एनएसई के सेक्टोरल इंडेक्स में निफ्टी मेटल सबसे ज्यादा टूटा। आईटी, ऑयल एंड गैस और हेल्थकेयर इंडेक्स में भी गिरावट दर्ज की गई। है। ऑटो, रियल्टी और मीडिया इंडेक्स 5% से ज्यादा नीचे हैं।
4 अप्रैल को भी भारी गिरावट के साथ बंद हुआ था बाजार
इससे पहले वैश्विक व्यापार युद्ध की बढ़ती आशंकाओं के बीच शुक्रवार (4 अप्रैल) को भारतीय शेयर सूचकांक सेंसेक्स 900 अंक से अधिक टूटकर 76,000 के स्तर से नीचे आ गया था। 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 930.67 अंक या 1.22 प्रतिशत गिरकर 75,364.69 अंक पर बंद हुआ था। कारोबार के दौरान यह 1,054.81 अंक या 1.38 प्रतिशत गिरकर 75,240.55 अंक के निचले स्तर पर पहुंच गया था। ऐसे ही एनएसई निफ्टी 345.65 अंक या 1.49 प्रतिशत गिरकर 22,904.45 पर बंद हुआ था। कारोबार के दौरान 50 शेयरों वाला बेंचमार्क इंडेक्स 382.2 अंक या 1.64 प्रतिशत गिरकर 22,867.90 पर बंद हुआ था।
एशियाई बाजारों का हाल
एशियाई बाजारों में जापान के निक्केई में छह फीसदी, दक्षिण कोरिया के कोस्पी इंडेक्स में 4.50 फीसदी और चीन का शंघाई इंडेक्स में 6.50 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। हॉन्गकॉन्ग का हैंगसेंग 10 फीसदी लुढ़क कर कारोबार करता दिखा।
अमेरिकी बाजार में भी भूचाल
बाजार में मची हाहाकार से अमेरिका भी अछूता नहीं है। दुनिया भर के वित्तीय बाजारों में बिकवाली शुक्रवार को और भी अधिक भयावह स्तर पर पहुंच गई थी। वैश्विक अर्थव्यवस्था में मंदी के खतरे चीन की ओर से जवाबी टैरिफ के एलान के बाद डॉव में 2,231 अंक या 5.5% की गिरावट आई थी। व्यापक एसएंडपी 500 में 5.97% की गिरावट आई थी। तकनीक-प्रधान नैस्डैक कंपोजिट में में भी 5.82% की गिरावट दर्ज की गई थी। ऐसे ही नैस्डैक कंपोजिट में 5.5% की गिरावट दर्ज की गई थी। कोविड संकट के बाद यह अमेरिकी बाजार की सबसे बड़ी गिरावट थी।
गिरावट की वजह क्या?
मार्केट एक्सपर्ट सुनील शाह ने बताया कि फिलहाल सेंसेक्स में भारी गिरावट है। यह अपेक्षित था, क्योंकि शुक्रवार को जब चीन ने जवाबी कार्रवाई की घोषणा की और अमेरिकी आयात पर 30 से अधिक टैरिफ लगाए तो अमेरिकी बाजार में गिरावट आई और यह नकारात्मक 2200 पर बंद हुआ। इसलिए यह उम्मीद थी कि सोमवार को जब एशियाई बाजार और अन्य बाजार खुलेंगे, तो वे भारी गिरावट के साथ खुलेंगे और ऐसा ही हुआ, क्योंकि निवेशकों को लगता है कि व्यापार जंग की स्थिति में कोई भी नहीं जीतेगा और यह सभी के लिए मुद्रास्फीतिकारी होगा। इससे वैश्विक जीडीपी वृद्धि धीमी हो जाएगी।
ट्रंप के जवाबी टैरिफ को जानिए
दरअसल, 2 अप्रैल को अमेरिका ने भारत पर 26 फीसदी जवाबी टैरिफ लगाने का एलान किया था। इसके साथ ही अमेरिका ने वियतनाम पर 46 फीसदी, चीन पर 34 फीसदी, ताइवान पर 32 फीसदी, दक्षिण कोरिया पर 25 फीसदी, जापान पर 24 फीसदी और यूरोपीय यूनियन पर 20 फीसदी टैरिफ लगाने का एलान किया। ट्रंप ने कहा कि ये देश हम पर बहुत अधिक टैरिफ लगाते हैं, इस वजह से हम उन पर जवाबी टैरिफ लगा रहे हैं। इसके बाद से भारत समेत तमाम देशों में महंगाई और मंदी को लेकर आशंकाएं पनपने लगी। अमेरिका भी इससे अछूता नहीं है।
सेंसेक्स के 30 शेयरों का हाल
एनएसई के टॉप गेनर्स और टॉप लूजर्स शेयर