देहरादून में चल रहा नाबार्ड हस्तशिल्प मेला ज़ोरो शोरो पर

नाबार्ड हस्तशिल्प मेला 2023 में दूसरे दिन माननीय सीजीएम श्रीमान विनोद कुमार बिष्ट जी ने प्रतिभाग किया। मेले में उमड़ी भीड़ बता रही है कि लोगो ने हस्तशिल्प के प्रति कितना क्रेज है। मेले में लगातार हर उम्र के लोग नजर आ रहे हैं। आज मेले में पहुंचे नाबार्ड के सीजीएम विनोद कुमार जी ने बताया कि भारत भर के हस्तशिल्प के जानकार यहां एक दूसरे की कला में रुचि ले रहे हैं। यहां लोग खाली घूमने ही नही आ रहे बल्कि खरीदारी करते भी दिख रहे हैं।
भारत के हस्तशिल्प की दुनिया भर में भारी डिमांड है। शाम को आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में हमारे उत्तराखण्ड के मशहूर लोक गायक सुरेंद्र राणा जी, मंजू नौटियाल जी और इनके संगीत ग्रुप ने रंगारंग कार्यक्रम पेश कर मेले में चार चाँद लगा दिए । नाबार्ड के सीजीएम श्रीमान विनोद कुमार जी द्वारा इनको सम्मानित कर शुभकामनाये भी दी और हस्तशिल्पियों को आगे बढ़ने की अपनी विचार धाराए बताई | विनोद कुमार जी और नाबार्ड के अन्य अधिकारियों के साथ मेले में लगी हस्तशिल्पियों की स्टॉल्स का निरीक्षण कर उनसे बातचीत भी की। सीजीएम विनोद कुमार बिष्ट जी ने जानकारी देते हुए बताया कि 8 नवम्बर तक रेसकोर्स श्री गुरु नानक महिला इण्टर कॉलेज खेल मैदान में नाबार्ड हस्तशिल्प मेले का आयोजन किया गया है। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) ने बुनियादी ढांचे के वित्तपोषण, संस्थान निर्माण और विकासात्मक पहलों के माध्यम से प्रभावशाली हस्तक्षेप के 4 दशक पूरे कर लिए हैं। नाबार्ड ने कृषि – वित्त, बुनियादी ढांचे के विकास, बैंकिंग प्रौद्योगिकी, एसएचजी और जेएलजी, एफपीओ, ओएफपीओ और अन्य के माध्यम से माइक्रोफाइनेंस और ग्रामीण उद्यमिता को बढ़ावा देकर भारतीय गांवों में जीवन बदल दिया है। इस क्षेत्र के विकास से कृषि क्षेत्र में आजीविका के अवसरों की तलाश में छोटे और सीमांत किसानों और कृषि श्रमिकों के शहरी क्षेत्रों में प्रवास (पलायन) को कम करने में भी मदद मिलती है। नाबार्ड ने गैर कृषि क्षेत्र के विकास के लिए कई प्रचार की योजनाएं विकसित की हैं। नाबार्ड आधारभूत स्तर पर आवश्यकता के अनुसार, अपनी योजनाओं को बनाने, परिष्कृत और तर्कसंगत बनाने के लिए निरंतर प्रयास कर रहा है। उन कार्यक्रमों पर ध्यान केंद्रित किया गया है जो कौशल के विकास को सक्षम बनाते हैं, विपणन के लिए अवसरों को बढ़ावा देते हैं, ग्रामीण क्षेत्रों में छोटे, कुटीर और ग्रामीण उद्योगों, हथकरघा, हस्तशिल्प और अन्य ग्रामीण शिल्प और सेवा क्षेत्र के उत्पादकों के समूहों को बढ़ावा देते हैं।
ग्रामीण ऑफ फार्म सेक्टर के लिए बाजार विकसित करना एक ऐसा क्षेत्र रहा है जहां नाबार्ड ने भी पहल की हैं। उत्पादकों को बेहतर विपणन में मदद करने के लिए, नाबार्ड ग्रामीण हाट, मार्ट स्थापित करने और क्षेत्रीय, राष्ट्रीय प्रदर्शनियों में कारीगरों और शिल्पकारों की भागीदारी बढ़ाने के लिए समर्थन दे रहा है। इससे कई एसएचजी/एफपीओ/ ओएफपीओ/कारीगरों को शहरी बाजारों तक पहुंचने में मदद मिली है। प्राप्त अनुभव ने उन्हें उभरते बाजार की प्राथमिकताओं के अनुरूप अपनी उत्पाद श्रृंखला और विपणन रणनीतियों को बेहतर बनाने में मदद की है। उत्तराखंड राज्य सहित देश के विभिन्न हिस्सों से कारीगरों द्वारा अपने राज्य के प्रमुख हस्तशिल्प उत्पादों सहित हस्तशिल्प मेले में सहभागिता कर रहे हैं। हस्तशिल्प मेले में 90 – 100 स्टॉल लगाए गए हैं। मेले में विभिन्न उत्पाद जैसे- कश्मीर का पश्मीना शाल, हिमाचल प्रदेश का गिलोय मिश्रित अचार तथा हिमाचली टोपी, झारखंड की जादोपटिया तथा सोहराय चित्रकारी, कर्नाटक बीड आभूषण, मध्यप्रदेश के बाग प्रिंट उत्पाद, पंजाब के फुलकारी सूट, राजस्थान के बागरु हैंड ब्लॉक प्रिंट (जीआई) उत्पाद , तेलंगाना के कढ़ाईगीरी उत्पाद, उत्तरप्रदेश के टेराकोटा तथा जूट उत्पाद, हरियाणा की जयपुरी रज़ाई तथा सुजनी आदि मुख्य आकर्षण के रूप में उपलब्ध है। इसके अतिरिक्त मेले में उत्तराखंड के सभी जीआई (GI) उत्पाद यथा तेजपात, बासमती चावल, ऐपण, दन, मुन्श्यारी राजमा, रिंगाल, टमटा उत्पाद, थुलमा एवं च्यूरा से निर्मित सामग्री भी प्रदर्शित की जा रही है।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

nonono 1245 dog braces lovepluspet dog braces braces for a dog lovepluspet braces for dogs